मेरे आँगन में
काफी पेड़ पौधे है।
हर दिवस मैं देखता हूँ
के कुछ पत्ते अपने
रंग को खो, सूख जाते है।
और वो सूखे पत्ते
उन हरे पत्तों की
खूबसूरती पर पर्दा
बन जाते है।
झोंका हवा का आता है,
और अपने साथ उन सूखे
पत्तों को उड़ा ले जाता है।
काश ऐसा ही कुछ हम
इंसानो के साथ भी होता।
वो बीते लम्हे जो हमारे
ज़िन्दगी में नशत के लमहो
को ठहरने ना देते है।
कोई हवा का झोंका आता
उन्हें भी अपने साथ ले जाता
तो शायद हम भी यूं अर्सो
महव-ए-यास ना रहते।
-अभिषेक गुप्ता