Khuda.

तेरे नूर का दीदार करा दे।

काफी वक्त से किया है इंतजार।

कभी मंदिर।

कभी मस्जिद।

कभी गुरूद्वारा।

ढूंढा इन आंखों ने तूझे

ना जाने कहां कहां।

अब देदे एक झलक अपनी

थक चुकी है ये आंखें

तूझे ढूंढते ढूंढते।

करा दे मुझे दीदार तेरा।

करा दे मुझे दीदार तेरा।

– नूर-ए-खुदा।

– अभिषेक गुप्ता।

Leave a Reply